Sunday 11 January 2015

कॉमिक्स शास्त्र अगर होता तो... - मोहित ट्रेंडस्टर

अगर कॉमिक्स की भी स्कूली शिक्षा होती तो कुछ यूँ नज़ारे देखने को मिलते। 


*) - पेरेंट्स-टीचर मीटिंग 

अभिभावक 1 - लड़का तो पूरे दिन पढ़ता रहता है फिर नंबर क्यों नहीं आते इसके कॉमिक्स शास्त्र में ?
शिक्षक - जी, ध्यान सिर्फ तौसी, गमराज औऱ क्रुकबांड जैसे ग्रेडिंग सब्जेक्ट के कैरक्टर्स में रहता है नालायक का ! चाचा चौधरी, नागराज,  डोगा, अघोरी के पन्ने पलटना तो जैसे पाप है इसके लिए, तो आप ही बतायें, नंबर कहाँ से आएंगे इसके? 

अभिभावक 2 - आप यह बताईये गुप्ता जी कि जब जम्बू, फैंटम, प्रेत अंकल और काली विध्वा CBSE ने कोर्स से हटवा दिए पिछले साल तो आप लोग बच्चो से ज़बरदस्ती उनकी किताबें और मरकंडाइज़ क्यों खरीदवा रहें है? लूट मचा रखी है! ऊपर से तिलिस्म देव को आपने आधा चैप्टर दे रखा है और Marvel, DC 3 headings में निपटा दिए! मैं RTI फाइल करूँगा। 

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*) - एक लड़की - आई लाइक नागपाशा बट उसमे फरसा वाला चार्म नहीं है।  
अनेक लड़की - Awwwwwww........

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*) - एग्जाम के बाद लड़को का ग्रुप पेपर डिस्कस करता हुआ। 

"यार टीचर पगला गये है। इंस्पेक्टर स्टील पर 15 नंबर का लोंग question दे दिया और चंडिका पर 2 नंबर का शार्ट, फिर कहते है मार्क्स कम क्यों रह गये...." 
"हाँ! तिरंगा की जीवनी पूछ ली। अब उसमे लिखने को है ही क्या? उस से ज़्यादा तो फूजो बाबा के एडवेंचर्स है।"

"अब तो आ जाओ, आ जाओ, आ जाओ नागराज के आगे फिल इन थे ब्लैंक्स में क्या भरा?"
"पुराने चैप्टर्स मैंने नहीं देखे, अपने से राइम बना दी - 'अब तो आ जाओ, आ जाओ, आ जाओ नागराज....शेक योर एज़ ! भाई शेक योर एज़ !' यार, इसके बाद यही राइम सही बैठ रही थी।"
"अरे उल्लू ऐसा थोड़े था, ये था - 'अब तो आ जाओ, आ जाओ, आ जाओ नागराज....हमको तेरी ही है एस....आई मीन आस, हमको तेरी ही है आस!"

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*) - एक लड़की - यार नयी कॉमिक में आई noticed बौना वामन की ऐब्स, एंड आई was लाइक OMG !
एक और लड़की - वो तो कुछ भी नहीं एक विंटेज एड में जादूगर शकूरा के किलर कट्स है with 8 पैक ऐब्स और जब वो मुंडी टिल्ट करके डायलॉग देता है, इट्स  जस्ट...जस्ट आई गो वीक इन माई नीज़ !
अनेक लड़की - Wowwwww....

- Mohit Trendy Baba

Tuesday 6 January 2015

Super Sikh Project


About this project

THE CONCEPT:

Have you ever asked yourself why there are no Sikh superheroes? Isn't it time to see a hero in a turban for a change?

For centuries, Sikhs have stood for equality, justice, and righteous living. Sikhism is the 5th largest religion, with more than 20 million followers, and is not connected to Islamic extremism.

But we live in modern times, where Sikhs are often misunderstood, the subject of stereotyping and hate crimes. In the U.S., for example, Sikh kids are bullied more than twice the national average.

So who do our kids look up to?

Batman? Spiderman? Ironman?

These are all characters imagined by mainstream American comic book writers, many of them created over 50 years ago.

We asked the question. The answer?

A hero is not defined by the way a person looks, but by a person's actions.

So we realized that now is the time to show the world a modern hero in a turban. It's time for a Super Sikh!

Empowered by this idea, we created a story about a Secret Agent named Deep Singh, who loves Elvis and hates bad guys.


WHO WE ARE:

Eileen Alden: Co-Creator/Comic Book Writer/First known person to become Sikh as a result of doing extensive research for a comic book.

Supreet Singh Manchanda: Co-Creator/Silicon Valley Exec./Life-long fan of comic books, with a highly active imagination.

Amit Tayal: Renowned International Artist 


Thursday 1 January 2015

Comic Fan Fest (28 December 2014) Report



Comic Fan Fest 2014 (28 December 2014, Delhi)

28 दिसंबर को एक सफल आयोजन कॉमिक फैन फेस्ट 2014 में कुछ अच्छी यादों के साथ हिस्सा लेकर लौटा हूँ। यह इवेंट एक प्रयास है दिल्ली और आस-पास के क्षेत्रो में बसे कॉमिक्स के प्रशंषको को नियमित रूप से साथ लाने कि, उन बातों-मुद्दो पर लम्बे संवादों की जिन्हे वैसे दिनचर्या में हम किसी और के साथ कभी नहीं कर पाते। इसके आयोजक थे मोहनीश कनौजिया, आकाश कुमार, दीपक चौहान और संजय सिंह, जिन्हे कॉमिक फैन फेस्ट की सफलता का पूरा श्रेय जाता है। चाहे वो आये सभी फैंस को कोई रेयर कॉमिक, मैग्नेट स्टीकर देना हो या इवेंट के लिए बनाये गए ख़ास कस्टमाइज्ड कप्स और केक हो। 



इवेंट की ख़ास बात सही मात्रा में आये प्रशंषक, क्योकि ज़्यादा फैंस आने पर सिर्फ फॉर्मेलिटी तक बात रहती है और कम रहने पर इवेंट सा नहीं लगता। यहाँ सभी के साथ अच्छा वार्तालाप हुआ। फिर जगदीश जी, प्रदीप जी के छोटे साक्षात्कार हुए जिनमे उनके बारे में नयी बातें पता चली, कॉमिक्स बनने का प्रोसेस भी उन्होंने समझाया। उनके बाद कुछ बातें मैंने सभी से बाँटी। सुन्दर केक काटा गया, नाश्ता हुआ और सब लोगो ने विदा ली। मैं, रवि यादव जी और लोकेश गौतम रात वहीं रुके, जिसका इंतज़ाम दीपक जी ने करवाया। रवि भाई एक बहुमुखी प्रतिभाओं वाले इंसान है जो पहले विप्रो में काम कर चुके है अब एक टीचर है। लोकेश एक युवा इंजीनियर है और कला प्रेमी है, भारतीय लिटरेचर के अच्छी जानकारी है। इन दोनों के अनुभव सुनना, बातें बाँटना मज़ेदार था - दीपक भाई ने भी कुछ घंटे रुक कर महफ़िल जमायी। पवन भाई इवेंट में स्मार्टेस्ट बन्दे थे। शिवांक ने आयोजको की मदद करने के साथ-साथ अच्छा मनोरंजन किया। जिनसे पहली बार मिला और मिलने का अनुभव रोचक, मस्त रहा वो है - शुभांकित, राजीव, अविनाश, अयाज़, नागेश, जय। सबका उत्साह भयंकर था। कुछ लोग किन्ही कारणवश नहीं आ पाये उनसे अगले साल मिलने की आशा है।
 - मोहित शर्मा (ज़हन)

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