Tuesday 28 July 2015

Interview - Dr. Alucard (Illuminati Comics & Comics Khazana Magazine)

वैसे तो मैंने इनसे पॉडकास्ट का वायदा किया था पर हर बार कुछ ना कुछ गड़बड़ होने के कारण एक लेख के रूप में डॉ. Alucard एडिटर, illuminati कॉमिक्स, desi-american.com  (छद्म नाम) का साक्षात्कार पोस्ट कर रहा हूँ। इसके अलावा देसी अमेरिकन डॉट कॉम एवम कॉमिक्स खज़ाना पत्रिका के ज़रिये ये अपनी टीम के साथ हमारा मनोरंजन करते आये है। - मोहित शर्मा (ज़हन) #mohit_trendster


*) - पहचान के लिए ऐसे छद्म नामो के इस्तेमाल की क्या वजहें है?

सबसे पहले तो धन्यवाद मोहित मुझे आपके पॉडकास्ट पर invite करने के लिए . जी हाँ DR. ALUCARD मेरा alias है . ऐसा करना इसलिए ज़रूरी है क्योंकि मेरा भी परिवार है , मैं एक कॉमिक्स फैन के रूप में सबको एंटरटेन करना चाहता हूँ but not at cost of my own problems/life. असल में सबसे बड़ी दिक्कत रही है कॉपीराइट की . इस प्रोजेक्ट को करते वक़्त कुछ सवाल बार-बार सामने आये - कहीं ये काम गलत तो नही होगा ? पात्रों के कॉपीराइट का हनन ? कानूनी-गैर-कानूनी इत्यादि। लेकिन ये सब सवाल कॉमिक्स को बचाने और उस की लोकप्रियता बढ़ाने का है। यही जुनून है जिसने हमें कई बातें सिखाई। मैं सभी पब्लिशर और रचनाकारों से कहना चाहूँगा की हम सभी आप से बेहद प्रेम करते हैं और आपके शुक्रगुज़ार हैं की आपके अथक परिश्रम के कारण हमारा बचपन इतना सुंदर और यादगार बना। हमारा ध्येय किसी भी प्रकार से कॉपीराइट का हनन करना या पब्लिशर को नुकसान पहुँचाना नहीं है। ना ही हम किसी प्रकार से भारतीय हीरोज़ को पश्चिमी  हीरोज़ से कमतर आंकने की कोशिश कर रहें हैं। हम सिर्फ भारत में कॉमिक्स के प्रति पाठकों की रूचि बढ़ाना चाहते हैं । अगर किसी भी पब्लिशर और रचियता को इससे समस्या हो तो हमें ईमेल करें ताकि हम मिल कर इस का समाधान कर सकें। एक और महत्वपूर्ण बात - हमने इस कॉमिक श्रृंखला की सिर्फ डिजिटल कॉपी ही बनायीं है और इसे पाठकों को बिना किसी मूल्य के बाँट रहे हैं।  जब मैंने ये प्रोजेकट शुरू किया तब मैंने बहुत लोगों से हेल्प मांगी लेकिन सिर्फ कुछ चुनिन्दा लोगों ने ही मदद की. ऐसा इसलिए क्योंकि सबको डर था की क्या ये कॉपीराइट नियम का उलंघन होगा ? हाँ कुछ हद तक उनका डर सही भी है . लेकिन मैं सभी पाठकों को कहना चाहता हूँ की ये सिर्फ फैन-आर्ट है. हम इसे non-commercial, non-monetary, non-profit रूप में बना रहे हैं और हमारा इसका कोई hardcopy बनाने का कोई विचार नहीं है . हम fans से इसके के लिए कोई पैसा नहीं ले रहे हैं . अब आप ही बताये कॉपीराइट उल्लंघन क्या है ? क्या सुपर हीरोज़ के drawing बनाना, उन पर कलर करना , उनके images को फेसबुक पर लगाना ये अलग है ? नहीं यह भी उल्लंघन है . मेरे पहले फ्रैंक knot, नवनीत जी , इंदरजीत भानुजी etc भी यह कर चुके है . हमारा उद्देश्य सिर्फ मनोरंजन है और कुछ नहीं . असल में राज कॉमिक्स, डायमंड कॉमिक्स, DC, मार्वल बहुत बड़ी कंपनियां है और मुझे नहीं लगता के उन्हें इस प्रकार के फैन-आर्ट से कोई समस्या होगी. उनके लिए तो फिलहाल पायरेसी बहुत बड़ी प्रॉब्लम है . वैसे भी इस प्रकार कर फैन-आर्ट शायद नए readers को जोड़ने में मदद करे ! मैं नहीं कहता की इन कम्पनीज को मेरे फ्री की पब्लिसिटी की ज़रुरत है . नहीं , बिलकुल नहीं . यह तो सूरज को दीपक दिखाने जैसा होगा . यह कॉपीराइट और इस प्रकार के सवाल भी कहीं ना कही fans के दिमाग की ही उपज है . मुझे पूरी उम्मीद है की कॉमिक्स कंपनी इसे फैन-आर्ट के रूप में ही लेगी और इसका कोई issue नहीं बनाएगी . और अगर फिर भी उन्हें कोई भी समस्या हो तो तो वे हमे ईमेल कर सकते है और हम तुरंत अपना प्रकाशन रोक देंगे. मेरे ख्याल से fans को इस बात को यहीं भूल जाना चाहिए और अपना वक़्त इस बेकार के डिस्कशन के बजाये इस कॉमिक्स का मज़ा लेने में लगाना चाहिए .  

*) क्या आप पहले भी किसी ऑनलाइन कम्युनिटी से जुड़े थे यदि हाँ तो कौन कौन सी? 

मैं शायद ओरिजिनल इन्टरनेट कॉमिक्स फैन में से एक हूँ . मैं ब्लोग्स , ऑरकुट के विभिन्न फोरम , rcj , देसी-अमेरिकन और हर साईट से जुड़ा हूँ . इन शोर्ट अगर नेट पर कॉमिक्स है तो मैं वहां पर जुड़ा हुआ पाउँगा

*) - इस कॉमिक्स को बनाने का आईडिया कैसे आया व इस कहानी में क्या ख़ास बातें मिलेंगी पाठकों को?

एक कॉमिक्स फैन के लिये यह एक सपना पूरा होने की स्थिति होती है जब उनके सब मनपसंद हीरोज़ चाहे  अलग-अलग पब्लिकेशन या भाषा के एक साथ काम करें या एक-दूसरे से टकराये। मुझे उम्मीद है की आपको मेरा ये प्रयास अच्छा लगा होगा। मैं इस प्रोजेक्ट पर कई सालों से काम कर रहा हूँ। इतना समय इसलिए लगा क्योंकि ये काम अकेले इंसान के बूते के बाहर की बात है। साथ ही साथ मैं नहीं चाहता था की जल्द बाज़ी में आपको दोयम दर्ज़े की चीज़ पेश करूँ। इसमें विभिन्न स्तरों पर काफ़ी मित्रों ने सहायता की। मैं उन सभी का शुक्रगुज़ार हूँ। उनके बिना ये संभव नही था. ख़ास बात ये है की STORY IS FOR THE FANS, BY THE FANS. इसमें ओल्ड स्कूल स्टाइल की 90 के दशक के तरह की कहानी देखेंगे जहाँ हर कॉमिक्स की अपनी एक अलग स्टोरी है लेकिन ये सब स्टोरी एक मुख्य  उद्देश्य / कहानी की तरफ बढती है . शायद इसी कारणवश ये सिंपल है काम्प्लेक्स नहीं. इसका RC के सर्वनायक के साथ कोई भी तुलना बेमानी है .

*) - अपनी टीम के बारे में कुछ बतायें?
वैसे तो हम 4-5 लोग है . मेरे अलावा हमारे ग्राफ़िक कंसलटेंट है skhan भाई . और राइटर है stories के लेकिन अभी तक उनके alias रेडी नहीं है तो मैं आपको बता नही सकता लेकिन कॉमिक्स के साथ ही आप वो नाम ज़रूर देख पाएंगे

*) - कॉमिक आईडिया से लेकर आर्टवर्क एडिटिंग की प्रक्रिया से हमे अवगत करवायें।
फोटोशॉप सीखना , एक अच्छी कथा श्रृंखला लिखने की कोशिश करना , पूरी तैयारी करना इत्यादि बहुत मुश्किल रहा। ये कहना गलत होगा की सब कुछ मैंने अकेले किया है। सबसे अजीब बात ये रही की अंत में मैं photoshop सीखने में नाकाम रहा और फिर हमने आर्टवर्क MSPAINT और EXCEL की मदद से किया . आर्टवर्क के लिए raw images हमने स्कैन नहीं की है. यह सब हमने इन्टरनेट से ही लिया है . हमने पहले मुख्य स्टोरी पर काम किया, फिर हर कॉमिक्स की स्टोरी पर, फिर उनके स्क्रिप्ट्स और संवादों पर. अंत में हम पेज-by-पेज आर्टवर्क करते हैं


*) - प्रस्तुत कॉमिक और आगे की सीरीज के टीज़र्स के बारे में। 
अर्थ 24- पॉइंट जीरो . ये हमारी पहली कॉमिक्स है. पूरी कहानी की सूत्रधार . यहाँ हम देख रहे है फ़ोबोस और मोबोस (कोबी-भेड़िया वाले) के बीच लड़ाई को जो २४वे आयाम की पृथ्वी पर ज़लज़ला ला देगी . इस आयाम की खासियत ये है के हर आयाम की विशेषता और हीरोज़ इसमें है . इसमें कुछ चीज़े वो ही हो सकती है जो पाठकों को पता है लेकिन कुछ ट्विस्ट भी नए होंगे . जैसे पाठकों को ध्रुव ले पिता के बारे में पता है लेकिन यहाँ एक नया ट्विस्ट है, वैसे ही नागराज की कुछ शक्तियां है तो कुछ नहीं . सीरीज की सभी कॉमिक्स की प्लानिंग अभी नहीं हुई है लेकिन अभी २ कॉमिक्स कम्पलीट है और 5 की स्क्रिप्ट पर काम चल रहा है .

*) - आजकल के माहौल में अपने काम को कहाँ आंकते है ?
well ये तो अपने मुँह मिया मिठू वाली बात हुई. हमारा सही आंकलन तो आप और बाकि फैन ही कर सकते है . हमने हमारा काम प्रोफेशनल स्तर पर करने की कोशिश ज़रूर की है और ज़रूर दूसरे जितने भी फैन कॉमिक्स आये है उनसे आपको ये बेहतर और लयबद्ध लगेगा लेकिन हम अपनी तुलना RC या किसी कंपनी से नहीं करते. हम फैन है और उसी पहचान से खुश है

*) - देसी अमेरिकन वेबसाइट का विचार कब आया, इसके क्या उद्देश्य है और कैसा रिस्पांस मिल रहा है?
असल में साईट का विचार मेरा नहीं है . ये हमारे मित्र MR.NIK की है जिससे हम मिले और फिर इसी से जुड़ गए. यहाँ सबसे अच्छी बात ये है की इस साईट के कंटेंट ज़िन्दगी के हर पहलु से जुड़े है और यहाँ पर सबके लिए कुछ ना कुछ है . साईट का रेस्पोंसे अच्छा है .. हर रोज़ नए मेम्बर बन रहे है . मेरी सबसे येही रिक्वेस्ट है की आप साईट पर फ्री रजिस्ट्रेशन करे और लॉग इन कर कमेंट्स करे ताकि हम आपके विचार जान सके .nik के अनुसार इस साईट का मुख्य उद्देश था लोगों को जोड़े रखना. सभी जानते है की ऑरकुट की फोरम व्यवस्था अच्छी थी और अब उसके बंद होने के बाद सब फेसबुक से जुड़े हैं . लेकिन फेसबुक में पुरानी पोस्ट्स पढना मुश्किल होता है और कोई गारंटी नहीं के फेसबुक ये कब तक शुरू रखेगा. इसलिए यह साईट बने गयी जो हमेशा के लिए परमानेंट जगह हो दोस्तों के मिलने के लिए. तभी रजिस्ट्रेशन पर इतना जोर दिया जा रहा है . और यहाँ का रजिस्ट्रेशन कुछ दूसरी साईट के समान कठिन नहीं है . यह बिलकुल आसान है .

*) - पसंदीदा लेखको, कलाकारों के बारे में बतायें। 
मेरे ख्याल से अनुपम जी , मनु जी , स्कॉट snyder , बॉब kane, stan ली और प्राण सर ... 

*) - समकालीन कॉमिक्स पब्लिकेशन्स के काम से क्या आप संतुष्ट है? भारतीय कॉमिक्स से जुड़े अपने कुछ अनुभव, सुझाव आदि बताएं। 
मैं भारतीय इंग्लिश कॉमिक्स से बहुत संतुष्ट हूँ जैसे की होली काऊ, लेवल १० , याली ड्रीम , स्पीच बबल etc . इनका आर्टवर्क और पेपर क्वालिटी इस प्रकार होती है की उनकी ज्यादा कीमत भी भारी नहीं लगती. हालाँकि मेरा मानना है की वो कीमत थोड़ी कम कर सकते है . जहाँ तक हिंदी की बात है फेनिल जी से बहुत उम्मीद है और RC व डायमंड के अलावा कोई इंडस्ट्री के लीडर नहीं है. डायमंड की कॉमिक्स – चाचा चौधरी से ही मैं इस कॉमिक्स की दुनिया में आया.. फिर नागराज और ध्रुव का ऐसा साथ मिला के छुटा ही नहीं . एक मजेदार वाकया है , मै 4 साल का था और फैमिली के साथ ट्रेन में जा रहा था. घरवालों ने स्टेशन से चाचा चौधरी की कॉमिक्स ले कर दी लेकिन मुझे तब तक पढना नहीं आता था . मैं बार-बार बड़े भाई से पढने के लिए ज़िद कर रहा था . तभी एक अंकल जो सामने की सीट पर थे, मुझसे बोले “ इतने बड़े हो और पढना नहीं आता ?” शायद वो ही बात मेरे बाल सुलभ मन को लग गयी और मैंने खुद पढना शुरू किया.. और फिर पढने की ऐसी लत लगी की आज तक नहीं छुटी . मैं सिर्फ राज कॉमिक्स से अनुरोध करना चाहूँगा – गलतियाँ नहीं निकल रहा हूँ क्योंकि मैं अपने आप को उस लायक नही मानता – अनुरोध ये है की आप सेट निश्चित समय में निकले, और ज्यादा नहीं तो परमाणु, डोगा और भोकाल इन हीरोज़ पर भी ध्यान दे . आर्टवर्क आपका बहुत अच्छा हो गया है अब. साथ ही साथ पुरे देश में कैश-ओन-डेलिवरी शुरू करे और छोटे शहरों में जहाँ आपकी कॉमिक्स नहीं मिलती वहां कुछ प्रबंध करे . हो सके तो टायर-२ शहरों में भी कभी छोटे मोटे बुक फेर करे या वहां के उद्योग मेलों में भाग ले

*) - अब कॉमिक्स कल्चर किस तरह पहले से अलग है ? इन बदलावों को आप कैसे देखते है ?
कॉमिक्स कल्चर पहले से अच्छा हुआ है लेकिन डर भी लगता है की कहीं हमारी जनरेशन आखरी ना  हो कॉमिक्स फैन की !! यह हमारी ज़िम्मेदारी है की हम अगली पीढ़ी को कॉमिक्स से introduce करवाए . इन्टरनेट और ऑरकुट का बहुत बड़ा योगदान रहा है कॉमिक्स को DARK ages से बाहर लाने का . उम्मीद करता हूँ ये कारवां ऐसे ही बढ़ता जायेगा . अंत में, मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूँ की जूनून को ज़िन्दा रखें, आने वाली पीढियों में कॉमिक्स कल्चर को बढ़ावा दें और BUY COMICS & SAVE COMICS INDUSTRY !
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Update 

हमारी कॉमिक्स - " अर्थ 24 - पॉइंट जीरो " काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली और आप सबके ईमेल भी प्राप्त हुए । सबसे अच्छी बात की हमारी कॉमिक्स को 250 से ज़्यादा डाउनलोड मिले है । प्रशंसा सभी को अच्छी लगती है लेकिन हमने कोशिश की है की आप की आलोचनाओं से भी सीखे । इन सभी बातों को ध्यान रख कर पिछली कॉमिक्स के सवालों का जवाब देने के लिए 
Illuminati Comics और desi-american.com पेश करते हैं " ग्राउंड जीरो - राइज ऑफ़ दी सरपेंट " जो ना सिर्फ कहानी को आगे बढ़ाएगी बल्कि सवालों का जवाब भी देगी । जी पाठकों की शिकायत थी की पहली कॉमिक्स बहुत छोटी थी उनके लिए भी खुशख़बरी है की ये अपने-आप में पूर्ण कॉमिक्स होगी जिसमें 40 पेज होंगे । महासंग्राम का पहला पड़ाव आरम्भ होगा 6 अप्रैल से" - Dr. Alucard (Illuminati Comics)